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Corona काल के बाद का बहुप्रतीक्षित Budget सोमवार को संसद में जारी हुआ।
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उम्मीद के मुताबिक Corona महामारी का जिक्र किया और इसी आधार पर स्वास्थ्य क्षेत्र के बजट की पहले चर्चा की.
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए सरकार के 27.1 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज से संरचनात्मक सुधारों को बढ़ावा मिला है.
- उन्होंने कहा कि सोचा नहीं था कि ऐसी भी कोई स्थिति देश झेलेगा. देश ने ऐसी विकट परिस्थिति में दो वैक्सीन तैयार की हैं और टीकाकरण भी हो रहा है
- . इसी के साथ उन्होंने Corona टीकाकरण के लिए 35 हजार करोड़ का आवंटन किया ।
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आमदनी पर टैक्स: (Income tax)
टैक्सपेयर्स के लिए नया कुछ खास नहीं; स्लैब नहीं बदला; 75 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले पेंशनर्स को रिटर्न फाइलिंग से छूट
इनकम टैक्स को लेकर बजट में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। यानी पिछले साल की ही तरह आपको इस साल भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के दो ऑप्शन मिलेंगे।
बजट में सिर्फ एक बड़ी घोषणा हुई है- 75 वर्ष से ज्यादा आयु वाले पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करना पड़ेगा।
यह ऐसे पेंशनर्स हैं जिनकी आय सिर्फ पेंशन और बैंक में मिलने वाले ब्याज से है। इनका टैक्स बैंक ही TDS के तौर पर काट लेगा।
- इसके अलावा कुछ छोटे-छोटे बदलाव किए गए हैं। इनमें महत्वपूर्ण यह है कि पीएफ पर ब्याज और यूलिप्स की प्रीमियम पर टैक्स छूट को सीमित किया गया है।
- अगर किसी व्यक्ति की सेलरी ज्यादा है और वह सालभर 2.5 लाख रुपए से ज्यादा का अंशदान एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) में करता है तो उस पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल इनकम में शामिल होगा।
- इसी तरह यूलिप्स पर 2.5 लाख रुपए से ज्यादा का सालाना प्रीमियम जमा करने पर टैक्स छूट नहीं मिलेगी।
- इसके अलावा, 50 लाख से कम आय के कर चोरी मामलों में पुराने रिटर्न खोलने की समय सीमा को 6 साल से घटाकर 3 साल किया गया है।
- इसके साथ ही 50 लाख से अधिक टैक्स चोरी के सबूत सामने आने पर ही 10 साल पुराने रिटर्न खोले जा सकेंगे। इसके लिए भी प्रधान आयकर आयुक्त की अनुमति आवश्यक होगी।
इनकम टैक्स रिटर्न को फाइलिंग में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। पुराने सिस्टम में पहले की तरह इन्वेस्टमेंट पर टैक्स छूट मिलती रहेगी। वहीं, पिछले साल आए नए सिस्टम में नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत 50 हजार तक की छूट ही मिलेगी। यह उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है, जो युवा हैं और जिन्होंने कोई इन्वेस्टमेंट नहीं किया है या टैक्स में छूट के लिए इन्वेस्टमेंट के डॉक्यूमेंट्स को संभालकर रखने के झंझट से बचना चाहते हैं।
सीए कार्तिक गुप्ता के मुताबिक न तो टैक्स स्लैब्स में बदलाव हुआ है और न ही कोई नई छूट दी गई है। इस वजह से टैक्स फाइलिंग में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा।
देश की आजादी के 75वें वर्ष में 75 वर्ष से ज्यादा उम्र वालों को टैक्स रिटर्न फाइल करने से छूट देना, एक अच्छा कदम है। लेकिन अगर रिफंड लेना है तो रिटर्न फाइल करना होगा।
न तो स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ा, न ही 80C की लिमिट बढ़ी
उम्मीद की जा रही थी कि नए विकल्प में नई छूट शामिल होगी। पर ऐसा कुछ हुआ नहीं। इसी तरह पुराने विकल्प में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार रुपए से बढ़ाकर 80 हजार रुपए करने की मांग थी।
< 80C में मिल रही छूट को 1.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए करने की उम्मीद थी। पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐसी किसी भी मांग को नजरअंदाज कर दिया
टैक्स स्लैब ( Income tax slab)
में कोई बदलाव नहीं हुआ है। जानिए दोनों विकल्पों में कितनी कमाई पर कितना टैक्स-
नोटः 5 लाख रुपए तक की आय पर लगने वाले कर की छूट मिलेगी। यानी 5 लाख रुपए तक की आय करमुक्त है।
आप भी जान लीजिए कि आपकी कमाई पर कितना टैक्स लगेगा-
आप भी जान लीजिए कि आपकी कमाई पर कितना टैक्स लगेगा-
आपकी कमाई के अनुसार आपको कितना टैक्स चुकाना होगा-
वरिष्ठ नागरिकों के पेंशनरों के लिए आय कर
बजट में टैक्स को लेकर की गई अन्य घोषणाएंः
पीएफ पर टैक्स फ्री ब्याज पर लिमिटः
पीएफ पर मिलने वाले ब्याज को टैक्सेबल इनकम में शामिल किया है। ऐसे ज्यादा आय वाले कर्मचारी जो पीएफ में 2.5 लाख रुपए या अधिक का अंशदान करते हैं, उन्हें ज्यादा कर चुकाना होगा। उन्हें मिलने वाले ब्याज को टैक्सेबल इनकम में शामिल किया जाएगा। यह सीमा 1 अप्रैल 2021 को या इसके बाद किए जाने वाले अंशदान पर लागू होगी।
यूलिप प्रीमियम पर टैक्स छूट की सीमा लगाईः
बजट में यूलिप्स की प्रीमियम पर सेक्शन 10(10d) के तहत मिलने वाली छूट को सीमित किया है। अगर प्रीमियम 2.5 लाख रुपए से अधिक है तो टैक्स की छूट नहीं मिलेगी। यह मौजूदा यूलिप्स पर लागू नहीं होगा। 1 फरवरी के बाद बेची जाने वाली पॉलिसी पर ही यह सीमा लागू होगी।
डिजिटल लेन-देन वाले कारोबारियों को राहतः
ऐसे छोटे कारोबारी, जिनका 95% लेनदेन डिजिटल हो रहा है, उन्हें राहत दी है। वैसे तो एक करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारियों को टैक्स ऑडिट कराना पड़ता है, पर डिजिटल लेनदेन वालों के लिए पिछले साल 5 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर तक राहत दी थी। अब यह राहत बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए दी गई है। यानी 10 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को टैक्स ऑडिट नहीं कराना होगा।
अब फेसलेस अपीलेट ट्रिब्यूनलः
केंद्र सरकार ने फेसलेस असेसमेंट और अपील के बाद अब अपीलेट ट्रिब्यूनल को भी फेसलेस बनाने की तैयारी की है। इसके लिए सरकार फेसलेस इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल सेंटर बनाएगी। ट्रिब्यूनल और अपील करने वाले व्यक्ति के बीच होने वाला सारा पत्राचार इलेक्ट्रॉनिक होगा। व्यक्तिगत सुनवाई की जरूरत पड़ी तो वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगी।
डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स में राहतः
पिछले साल सरकार ने कंपनियों से मुनाफे के हिस्से के तौर पर मिलने वाले डिविडेंड को बांटने पर लगने वाला टैक्स हटाया था। यह जिम्मेदारी निवेशकों पर छोड़ी थी। इसमें ही राहत बढ़ाते हुए टीडीएस से छूट दी गई है। इसी तरह डिविडेंड से मिलने वाली आय पर एडवांस टैक्स जमा नहीं करना होगा।
अफोर्डेबल हाउसिंग पर राहत बढ़ीः
सरकार ने अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के तहत 45 लाख रुपए तक का मकान खरीदने पर 1.5 लाख रुपए तक के ब्याज पर अतिरिक्त छूट जारी रखी है।
यानी अब 31 मार्च 2022 तक नया मकान खरीदा तो टैक्स से छूट मिलती रहेगी।
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Source – Pib
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