इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मध्यम आय वर्ग के लोगों को कानूनी सलाह सहित सस्ता व सुलभ न्याय दिलाने के लिए वेबसाइट लांच की है। इसका नाम ‘इलाहाबाद हाईकोर्ट मिडिल इनकम ग्रुप लीगल एड सोसाइटी‘ है।
हाई कोर्ट ने सोसाइटी को सुप्रीम कोर्ट की योजना के एक भाग के रूप में लांच किया है। जो मध्यम आय वर्ग के लोगों को पैनल अधिवक्ताओं के माध्यम से कानूनी सलाह-सहायता उपलब्ध करवाएगी। साथ ही आवश्यकता होने पर कोर्ट में उनका प्रतिनिधित्व भी करेगी। वो भी बेहद मामूली शुल्क पर
सोसायटी की स्थापना उन सभी को कानूनी सहायता, सलाह और सहायता प्रदान करने के लिए की गई है जो मध्य-आय समूह से संबंधित हैं।
सोसाइटी का लक्ष्य मध्य-आय समूह से संबंधित “सक्षम करना “, “जागरूकता फैलाना” और “सुविधा” करना है। यह मध्य आय समूह से संबंधित व्यक्तियों को सभी सहायता प्रदान करने का प्रयास करता है जो मामूली लागत पर कानूनी निवारण के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हैं।
हाई कोर्ट की ओर से कहा गया है कि मध्यम आय वर्ग में उन्हीं को शामिल किया गया है, जिनकी कुल वार्षिक आय छह लाख व 12 लाख रुपये के बीच हैं। यही लोग इसकी सेवा पाने के लिए हकदार होंगे।
इस मिडिल इनकम ग्रुप लीगल एड सोसाइटी का काम होगा कि वह इसके हकदार लोगों को विधिक सहायता, उनकी काउंसिलिंग, विधिक उपचार व आवश्यकता होने पर कोर्ट में उनका प्रतिनिधित्व कराएगी।
घर बैठे मिलेगी मदद
इस सेवा की विशेषता यह है कि इसका लाभ दूर दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी घर बैठे ले सकेंगे। ई मेल, वीडियो कॉल, या सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए विधिक सहायता जरूरतमंद को उसके घर पर ही उपलब्ध करा दी जाएगी।
उनको सहायता प्राप्त करने के लिए हाईकोर्ट तक चलकर आने की आवश्यकता नहीं होगी। और अनावश्यक यात्रा से बच सकेंगे।
इसका लाभ वृद्ध, विकलांग व यात्रा के अयोग्य अन्य लोगों को भी मिलेगा । इस सुविधा का लाभ लेने या कानूनी सलाह व राय मशविरा का कोई खर्च नहीं देना है । सुविधा निशुल्क प्रदान की जाएगी ।
केवल कोर्ट में केस का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक निर्धारित मामूली शुल्क देना होगा। ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ ले सकें इसके लिए वेबसाइट को हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में बनाया गया है।
वेबसाइट पर बतानी होगी समस्या
- इस सुविधा का लाभ पाने के लिए जरूरत व्यक्ति को अपनी बात व परेशानी विस्तार से वेबसाइट पर भेजनी होगी ।
- वकीलों का एक पैनल इसका अध्ययन करेगा और भेजने के 15 दिन के भीतर उस अर्जी की स्वीकृति अथवा अस्वीकृति संबंधी आदेश याची को मिल जाएगा ।
- यदि भेजी गई अर्जी खारिज होती है तो उस व्यक्ति को पैनल का नामित वकील खारिज होने के कारण से अवगत कराएगा ।
- और यदि अर्जी स्वीकार होती है तो उस दशा में पैनल का अधिवक्ता सूचित करेगा तथा उसके बाद अधिवक्ता व वादकारी की इसके लिए निर्धारित समय पर मीटिंग होगी ।
छह से 12 लाख सालाना आय वालों को लाभ
मिडिल इनकम ग्रुप सोसाइटी मध्य आय वर्ग में आने वाले लोगों को निशुल्क या बेहद मामूली शुल्क पर विधिक सलाह, जानकारी और आवश्यकता पड़ने पर उनका मुकदमा लड़ने की व्यवस्था करेगा। योजना के अनुसार छह से 12 लाख रुपये तक वार्षिक आय के लोगों को मध्य आय वर्ग में माना जाएगा। ऐसे लोगों को ही विधिक सहायता दी जाएगी।Website
Q1। मध्य आय समूह योजना क्या है?
यह योजना मध्य आय समूह personi.e को कानूनी सेवाएं प्रदान करती है। ऐसे नागरिक जिनकी सकल आय रु। के बीच है। 6,00,000 / – से रु। 12,00,000 / – प्रति वर्ष।
Q2। किस योजना के संबंध में यह योजना लागू है?
सोसाइटी की सेवाओं का लाभ इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र में रहने वाले मध्य आय समूह के सभी व्यक्तियों द्वारा लिया जा सकता है और लखनऊ में इसकी खंडपीठ को भी।
Q3। लाभ प्राप्त करने के लिए क्या प्रक्रिया है?
- कानूनी सहायता प्राप्त करने के इच्छुक किसी भी पात्र व्यक्ति को संपर्क व्यक्तियों (अलग-अलग उपलब्ध कराए गए विवरण) से संपर्क करना होगा, कानूनी मसले या समस्या का सामना करने वाले विवरण का संक्षेप में वर्णन करके।
- सोसाइटी द्वारा आवेदन को संसाधित करने और आंतरिक रूप से जांच किए जाने के बाद, संपर्क व्यक्ति आवेदक को इस बात से अवगत कराएगा कि क्या उसे योजना के तहत कवरेज के योग्य पाया गया है और विशेष आवेदन को संभालने के लिए सौंपे गए वकील के नाम और अन्य विवरण। पात्र व्यक्ति को शुल्क से अवगत कराया जाएगा, यदि कोई हो, जिसे आगे बढ़ने के लिए आवेदन के लिए सोसायटी के पास जमा किया जाना है।
Q4। क्या आवेदक की पसंद के एक वकील को मामला सौंपा जाना चाहिए?
हालांकि यह किसी भी वकील को उन अपात्रों में से असाइन करने के लिए सोसायटी का एकमात्र विशेषाधिकार होगा, लाभार्थी यदि विस्तारित सेवाओं से संतुष्ट नहीं है, तो संपर्क व्यक्ति के संबंध में एक संचार को संबोधित कर सकता है जिसे समाज द्वारा विधिवत माना जाएगा।
Q 5। आवेदक द्वारा कौन से दस्तावेज दाखिल किए जाने आवश्यक हैं?
- आवेदकों को पूर्ण दस्तावेजों के साथ एमआईजी सोसाइटी को आवेदन पत्र जमा करना आवश्यक है। उदाहरण के लिए, यदि वह किसी आदेश / निर्णय के खिलाफ अपील दायर करना चाहता है, तो उसे उस आदेश / निर्णय की प्रमाणित प्रति के साथ-साथ
- अन्य प्रासंगिक दस्तावेजों जैसे कि उसके द्वारा दायर याचिका की प्रति प्रस्तुत करना आवश्यक है। अदालत (एस) / ट्रिब्यूनल (एस) / प्राधिकरण (ies) नीचे, निचली अदालत के फैसले / रिकॉर्ड और अन्य प्रासंगिक दस्तावेजों की प्रतियां। यदि ये अंग्रेजी / हिंदी के अलावा अन्य भाषा में हैं, तो उसी के अंग्रेजी अनुवाद की आवश्यकता हो सकती है।
Q6। अधिवक्ता को भुगतान की प्रक्रिया क्या है?
कानूनी सलाहकार सेवाएं नि: शुल्क होंगी। यदि पात्र व्यक्ति उच्च न्यायालय में वास्तविक याचिका को स्थानांतरित करने की इच्छा रखता है, तो उसे निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार लागत वहन करना होगा।
Q 7। वकीलों और अन्य खर्चों के लिए शुल्क की सूची क्या है?
कृपया website देखें
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